Saturday, September 9, 2017
कांग्रेस का बयानवीर
Murder of anti BJP reporter
गौरी लंकेश एक वामपंथी विचारधारा की पत्रकार थी और हिंदुत्व के बारे में उनके विचार बहुत अच्छे नहीं थे | लेकिन क्या मात्र इतनी सी बात से हिन्दू संगठन उनकी हत्या कर देंगे ?? यह एक बड़ा सवाल है क्योंकि देश में ऐसे बहुत सारे लोग है जो की हिन्दू धर्म और हिंदुत्व से इतनी नफरत करते है कि ये लोग अगर किसी अन्य मुस्लिम देश में होते तो जरुर इनकी हत्या कर दी जाती | देश में जाकिर नाइक, मौलाना बरकती , इमाम बुखारी , हुर्रियत कांफ्रेस , फारुख अब्दुल्ला , राना आयूब और ऐसे ही ना जाने कितने ही लोग है जो दिनरात सिर्फ हिंदुत्व विचारधारा का विरोध करके ही अपनी राजनितिक रोटियां सेंकते रहते है | अगर हिन्दू इतना ही असहिष्णु है तो फिर इन लोगो को तो कब का मार चूका होता, या फिर अगर नरेंद्र मोदी सरकार ऐसे लोगो की आवाज बंद करना चाहती तो उसके पास तमाम ऐसे रस्ते होते हैं जिससे कि ऐसे लोगो की आवाज को खामोश किया जा सकता था |
उदहारण के तौर पर हम चीन की सरकार को ही देख सकते है | चीन की मिडिया से वही जानकारियां बाहर निकलती है जो वहां की सरकार बाहर निकलने देना चाहती है|
इस देश की राजनीती की यह विडंबना ही है कि यहाँ जब भी किसी वामपंथी या कांग्रेसी विचारधारा के व्यक्ति की हत्या होती है या हिन्दुधर्म के अलावा किसी और धर्म के व्यक्ति की हत्या होती है तो उसको भगवा आतंकवाद के तौर पर परिभाषित किया जाता है और कहा जाता है कि देश में “
अल्पसंख्यक ” समुदाय को खतरा है |
देश के तथाकथित युवानेता और कांग्रेस के युवराज सीधेतौर पर देश की हर छोटी बड़ी घटना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जिम्मेदार ठहरा देते है भले ही जिस राज्य में ये घटना घटी है वहां पर कांग्रेस की ही सरकार हो |
यही नहीं कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने इन्तोलेरेंस का मुद्दा फिर से उठा दिया और कहा की हमारी सरकार के समय में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है लेकिन २०१४ में मोदी सरकार के गठन के साथ ही देश में एक वर्ग विशेष के लिए मुश्किलें खड़ी की जा रही है और स्वतंत्र आवाजों को दबाया जा रहा है |
इन सभी लोगो को देश में बढ़ रहे हिन्दू आतंकवाद का खतरा तो दिखाई दे रहा है लेकिन पूरे विश्व में पनप रहे मुस्लिम आतंकवाद का धर्म पता नहीं चल पा रहा है | ये वही लोग है जो बिहार में पत्रकार राजदेव रंजन के हत्यारोपी शहाबुद्दीन के साथ मंच साझा करते है लालू यादव को सेकुलरिज्म का झंडाबरदार बताते है और एक वामपंथी विचारधारा की पत्रकार की हत्या का इल्जाम सीधे सीधे बीजेपी और संघ पर लगा देते है लेकिन तब इनके कान और आंख बंद हो जाती है जब कश्मीर के नेता फारुख अब्दुल्ला यह कहते है कि पाक अधिकृत कश्मीर क्या हिंदुस्तान के बाप का है| ये वही लोग है जो याकूब मेनन की फांसी की सजा को रुकवाने के लिए रात के २ बजे देश की सबसे बड़ी अदालत को खुलवा देते है और भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्लाह का नारा लगाने वाले लोगो की दिन रात पैरवी करते है |
Thursday, February 16, 2017
सेना प्रमुख पर कांग्रेस का हमला
खान्ग्रेस समेत पूरा बिपक्ष *अल्पसंख्यक* वोटो के लिए अपनी सगी माँ को बेच सकते हैं तो उनके लिए भारत माता के वीर सैनिको की जान क्या औकात है तभी तो सेना प्रमुख के इस बयान की आलोचना कर रहे हैं कि कश्मीर के स्थानीय मुस्लिम युवक सेना के काम में दखलंदाजी न करे । अब इस बात में गलत क्या है?? क्या ऐसा नहीं होता है? क्या जब सेना किसी आतंकवादी को घेरने का प्रयास करती है तो युवक पत्थर फेंकते हैं और कई बार आतंकवादी भाग जाते हैं और कई बार इसी वजह से सेना के कई जवान भी मरे जाते हैं।
यह बयान एक जिम्मेदारी से योग्यता के साथ सेना के प्रमुख तक पहुंचे जनरल ने दिया है बीजेपी के किसी राज्य सभा के किसी सांसद ने नहीं दिया है। सेना का जनरल किसी जाति या धर्म के खिलाफ कभी कदम नहीं उठा सकता क्योंकि सेना में हर जाति और धर्म के लोग काम करते हैं कश्मीर के ही बहुत से मुस्लिम सैनिक भी सेना में काम करते हैं और आतंकवादी हमलों में मारे भी जाते हैं। सेना प्रमुख जब यह कहते हैं कि कश्मीर के लोग सेना के काम में हस्तक्षेप ना करे तो वो उन मुस्लिम सैनिको की जान की परवाह भी कर रहे होते हैं जो सेना में काम करते हैं और कश्मीर में तैनात हैं। आज जिन लोगो की वजह से अल्पसंख्यको में गरीबी और अशिक्षा भरी पड़ी है वही लोग सेना प्रमुख के इस बयान का विरोध करते नजर आ रहे हैं।